
नेशलन हेराल्ड मामले में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ईडी ने समन भेजा है। सोमवार को राहुल गांधी की पेशी भी हुई, जिसे लेकर कांग्रेस ने दिल्ली, सहित कई राज्यों में प्रदर्शन किया। वहीं छत्तीसगढ़ में पूर्व आईएएस ओपी चौधरी पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सकार के खिलाफ हल्ला बोला। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल पर एक बार फिर ट्वीट कर हमला बोला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटने वाले भूपेश बघेल दिल्ली जाते ही लोकतंत्र की दुहाई देने लगते हैं।
डॉ. रमन ने का कि भाजपा कार्यकर्ताओं और विरोध की आवाज दबाने जो तानाशाही औऱ दमन छत्तीसगढ़ में चल रहा है, वह बेहद शर्मनाक है। बंगाल से बदतर हालात छत्तीसगढ़ की हो गई है। रमन ने कहा कि एक तरफ सीएम भूपेश खुद प्रदर्शन करने दिल्ली जा रहे हैं और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर FIR करते हैं। छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटने वाले भूपेश बघेल दिल्ली जाते ही लोकतंत्र की दुहाई देने लगते हैं। दरअसल, पूर्व आईएएस ओपी चौधरी पर कोयला चोरी का फर्जी वीडियो वारयल करने पर रायगढ़ में अपराध दर्ज किया गया है। इस मामले में रायगढ़ के भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन करने, सड़क जाम करने, प्रदर्शन के पूर्व अनुमति नहीं लेने और सीएम का पुतला दहन करने पर नायब तहसीलदार विद्याभूषण साव ने रायगढ़ कोतवाली में 17 भाजपा नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है।
भाजपा नेताओं पर रायगढ़ में FIR
12 जून को शाम पूर्व आईएएस ओपी चौधरी पर एफआईआर दर्ज करने के विरोध में रायगढ़ के सुभाष चौक में भाजपा नेताओं ने सीएम भूपेश बघेल का पुतला दहन किया। पुतला दहन करने के मामले में बीजेपी नेताओं पर सिटी कोतवाली 147, 188, 341 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया। इसमें पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया, नेता प्रतिपक्ष पूनम सोनकी, गुस्पाल भल्ला, सूरज शर्मा, विवेक रंजन सिन्हा गिरधर गुप्ता सहित 17 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता शामिल है। बता दें कि कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खदान में कोयला चोरी का वीडियो वायरल करने पर ओपी चौधरी पर केस दर्ज किया गया है।
एक दिन पहले सीएम ने यह कहा था
रविवार को सीएम भूपेश बघेल ने कि जितनी ईंट बजाना है बजा लें, फर्क नहीं पड़ता। सांच को आंच क्या। सीएम बघेल ने कहा कि आप सीधी लड़ाई नहीं कर पा रहे हैं। सरकार व अधिकारियों को बदनाम करने के लिए इस तरह का हथकंडा अपनाएंगे। आप आईएएस अधिकारी थे। कलेक्टर रहे हैं। आप पुराने वीडियो को अपलोड कर कहेंगे कि 2022 का है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। आईएएस अधिकारी का पद और बड़ा होता है। आप जिम्मेदार पद पर बैठे चुके हैं। कानून के जानकार हैं। पढ़े लिखें हैं, उसके बाद भी पूरे प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं। आप पर कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए।